Sangya Kise Kahate Hain – आज के अपने इस पोस्ट में संज्ञा किसे कहते है के बारे में बतायेगे ।व्याकरण का सबसे जरुरी भाग जिसके बारे में जानना जरुरी होता है । मेरा ये पोस्ट उन सभी के मदद करेगा जिन्हे संज्ञा के बारे में जानना होगा ।
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Sangya Kise Kahate Hain

इस संसार के सभी चीज़ का कुछ न कुछ नाम होता है ,संज्ञा जो की किसी भी व्यक्ति ,वास्तु ,या किसी भी स्थान के नाम को ही संज्ञा कहते है। इस धरती पर सभी चीज़ जो की किसी न किसी नाम से पुकारी जाती है । उनके नाम को ही संज्ञा कहते है ।
Sangya Examples in hindi
किसी व्यक्ति के नाम जैसे राम ,मोहन ,नीरज ये सभी संज्ञा है ,किसी वास्तु का नाम जैसे कुर्सी ,टेबल ,कलम ये सभी वास्तु के नाम के मतलब ये भी संज्ञा है ,किसी जगह के नाम जैसे वाराणसी , पटना , दार्जलिंग ,मनाली , ये सभी जगह के नाम है , मतलब ये भी संज्ञा है ।
और उदाहरण के रूप में समझे तो :
1-राम मोटरसाइकिल से वाराणसी जायेगा ।
2-धीरज घोडा की सवारी करता है ।
3-रमेश सुरेश आपस में भाई है ।
ऊपर दिए गए इन 3 उदाहरण में राम जो की किसी व्यक्ति का नाम , ठीक उसी तरह धीरज व्यक्ति का नाम , रमेश सुरेश किसी व्यक्ति के नाम है । जो की संज्ञा के उदाहरण है , ठीक उसी तरह से वाराणसी जो की जगह के नाम है जो की संज्ञा का उदाहरण है ।
संज्ञा की परिभाषा ( Sangya Meaning in Hindi )
किसी व्यक्ति , वास्तु , स्थान के नाम को ही संज्ञा कहा जाता है ।
व्यक्ति के नाम – राम , श्याम , गीता , सीता , घनश्याम , ये सभी किसी व्यक्ति के नाम है ।
वस्तुओं के नाम – टेबल , कुर्सी , गेंद ये सभी किसी वास्तु के नाम है ।
स्थानों के नाम – वाराणसी , पटना , दिल्ली ये सभी किसी जगह के नाम है ।
गुण व भाव – रोना , हसना , बुद्धिमान , ये सभी गुण है जो की संज्ञा के उदाहरण है ।
संज्ञा के भेद
अब जानते है की संज्ञा के भेद कितने होते है ।
व्युत्पत्ति के आधार संज्ञा के भेद
1 | रूढ़ |
2 | यौगिक |
3 | योगरूढ़ |
अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद
1 | व्यक्तिवाचक संज्ञा |
2 | जातिवाचक संज्ञा |
3 | भाववाचक संज्ञा |
4 | द्रव्यवाचक संज्ञा |
5 | समूहवाचक संज्ञा |
व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा
रूढ़ संज्ञा
वैसा संज्ञा जिसका प्र्त्येक खंड का कोई अपना मतलब नहीं हो उसको ही रूढ़ संज्ञा कहते है , उदाहरण के रूप में जल ,अब अगर जल के ज और ल को अलग कर दिया जाये तो दोनों शब्दों का कोई मतलब नहीं बनेगा ।
यौगिक संज्ञा
जब कोई भी एक या एक से अधिक शब्दों के मेल से बनी संज्ञाओं को यौगिक संज्ञा कहते है। उदाहरण के रूप में जलकुंड , इसमें जल और कुंड दोनों शब्द के अलग अलग अपना मतलब बनता है ।
योगरूढ़ संज्ञा
इस तरह के संज्ञा जिसमे उसके खंड से अलग मतलब होते है , उसे ही योगरूढ़ संज्ञा कहते है ।udhahrn के रूप में जलज , अब अगर जलज को खंड किया जाये , जल और ज , बनता है जिसका अर्थ जल में रहने वाला हो सकता है , लेकिन जलज का मतलब कमल होता है । इस लिए ये योगरूढ़ संज्ञा का उदाहरण है ।
अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद
व्यक्तिवाचक संज्ञा
इस तरह के संज्ञा में किसी विशेष व्यक्ति ,वास्तु ,स्थान के नाम के लिए इस्तेमाल हो उसे ही वयक्ति वाचक संज्ञा कहते है । उदाहरण , राम , दिल्ली , टॉमी , इत्यादि ।
जातिवाचक संज्ञा
इस तरह के संज्ञा में किसी विशेष जाती के बारे में जानकारी मिले , उसे ही जाती वाचक संज्ञा कहते है । उदाहरण के लिए लड़का , लड़की , कुत्ता इत्यादि , यहाँ लड़का , किसी एक के लिए नहीं बल्कि समस्त जाती के लिए इस्तेमाल हो रहा है ।
भाववाचक संज्ञा
संज्ञा के जिस रूप से किसी गुण , दशा,क्रिया,धर्म भाव का ज्ञान मिले उसे ही भाववाचक संज्ञा कहते है । उदाहरण के रूप में , जवानी , बुढ़ापा , इत्यादि
द्रव्यवाचक संज्ञा
इस संज्ञा से किसी खास तरह के वास्तु का बोध हो जिसको नपा जा सकता है , उसे ही द्रव्य वाचक संज्ञा कहते है । उदाहरण के रूप में लोहा , कोयला , सोना इत्यादि ।
समूहवाचक संज्ञा
इस संज्ञा से किसी विशेष समूह का बोध होता है , उसको ही समूह वाचक संज्ञा कहते है । उदाहरण के रूप में , सेना , मेला इत्यादि ।
संज्ञा किसे कहते हैं उसके कितने प्रकार होते हैं?
किसी व्यक्ति , वास्तु , स्थान के नाम को ही संज्ञा कहा जाता है ।
संज्ञा कितने प्रकार होते हैं?
Post ko pura padhe .
आज के अपने इस पोस्ट संज्ञा की परिभाषा को बताया , आशा करते है ये पोस्ट आपको पसंद आएगा ,पोस्ट पसंद आने पर शेयर जरूर करे ।
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