भूकंप (Earthquake) कैसे आता है?- अक्सर हम टेलीवीजन के न्यूज़ या फिर मोबइल के न्यूज़ में भूकंप (Earthquake In Hindi)के बारे में सुनते है। और उसमे दिखाया जाता है की भूकंप कितना डरावना होता है। साथ ही भूकंप से होने वाले जान-माल की हानि को भी बताया जाता है। ऐसे में बहुत बार आपके मन में सवाल उठता होगा की आखिर ये भूकंप क्या है? और साथ ही आप ये भी सोचते होंगे की भूकंप (Earthquake) कैसे आता है?

मन में इस सवालों का उठना स्वभाविक है। और ओस विषय में जानकारी रखने सभी के लिए बहुत ही अनिवार्य है। तो आज के इस लेख में हम आपको भूकंप क्या है? भूकंप कैसे आता है? साथ ही आपको भूकंप से बचने के उपाय भी बताएँगे। तो अगर आप इस विषय में पूरी जानकारी चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़िए जिससे भूकंप से सम्बंधित सारे सवालों से आप रूबरू हो जाये।
इस पोस्ट के मुख्य बिंदु भूकंप किसे कहते हैं | भूकंप आने के कारण | भूकंप का प्रभाव | भूकंप का केंद्र | भूकंप से कैसे बचे | भूकंप कैसे आता है | भूकंप क्या है | भूकंप के प्रकार | भूकंप की तीव्रता का मापन है ।
Table of Contents
भूकंप क्या है? (What is Earthquake in Hindi)
भूकंप एक भयानक प्राकृतिक आपदा है। जों कभी- कभी विशेष परिस्थितियाँ बनने के कारण किसी विशेष स्थान में आती है। भूकंप बड़ी अथवा छोटी हो सकती है। ये इतनी chhoti याँ कम तीव्रता की हो सकती है जिसका अनुभव हम नहीं कर सकते है। याँ फिर इतनी बड़ी हो सकती है जों सम्पूर्ण रूप से एक शहर को तबाह याँ धवस्थ कर सकती है।
जैसा की ऊपर बताया गया है की भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है। अधिकांश समय ये प्राकृतिक आपदा ही होती है लेकिन कभी- कभार भूकंप मानव निर्मित भी हो सकती है आखिर कैसे इसे हम आगे इसी पोस्ट में जानेंगे।
भूकंप कैसे आता है? (Earthquake kaise aata hai?)
भूकंप क्या है? इस सवाल का जवाब लेने के बाद अब ये जानना उचित होगा की भूकंप कैसे आता है। लेकिन इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको पृथ्वी की संरचना के बारे में जानना उचित होगा। इससे आप इस सवाल का जवाब अच्छे से समझ सकते है –
भूकंप कैसे आता है? : पृथ्वी मुख्यत 15 परतो से मिलकर बनी होती है और इन 15 परतों में से 7 परते मुख्य अथवा बहुत ही आवश्यक होती है। इन सातो परतों के नाम इस प्रकार है – Pacific Plate, South American Plate, North American Plate, African Plate, Eurasian Plate, Antarctic Plate, Indo-Australian Plate. ये परते हमेशा ही अत्यंत धीमी गति से तैरती रहती है। जिसकी तीव्रता लगभग 10 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष होती है। इतनी धीमी होने के कारण ही हमें कभी इसकी अनुभूति नहीं होती है।
पृथ्वी की सभी परतों को संयुक्त रूप से टेक्नोटॉनिक परत अथवा विवर्तनिक परत कहते है। विवर्तनिक परतों के बीच के दरार को फाल्ट लाइन कहते है। भूकंप तब आती है जब ये विवर्तनिक परतें एक दूसरे से जुड़े याँ अलग हो। जुड़ने याँ अलग होने के क्रम में इन परतों के बीच घर्षण उतपन्न होता है और इन घर्षणो की वजह से प्लेटो के मध्य प्रेशर बनता है। जब ये प्रेशर अधिक हो जाता है तो घर्षण बल कमजोर हो जाता है जिससे प्लेटे आपस में तीव्र गति से जुड़ने याँ अलग होने लगती है। इन प्रक्रमों से भ्रंश का निर्माण होता है जिससे हमें तीव्र कम्पन की अनुभूति होती है। और इस प्रकार भूकंप आता है।
टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाएं –
भूकंप कैसे आता है? इस सवाल का जवाब लेने के बाद अब टेक्टोनिक प्लेट्स के बारे में कुछ जान लेना उचित होगा – यहाँ हम टेक्टोनिक अथवा विवर्तनिक प्लेटों की सीमाओं के बारे में जानेंगे –
तो मुख्य रूप से विवर्तनिक प्लेटों की सीमाओं की संख्या तीन होती है जों कुछ इस प्रकार है –
• अभिसारी सीमा :- जब दो टेक्नोटॉनिक परते एक दूसरे के तरफ आती है, और एक दूसरे से टकराती है तो इस सीमा का निर्माण होता है। अभिसारी सीमाओं का उदाहरण पर्वतों का बनना है।
• अपसरी सीमा :- जब दो टेक्नोटॉनिक परते एक दूसरे से दूर जाते हुए अलग होती है तब अपसरी सीमा का निर्माण होता है। ऐसा होने से इन परतों के बीच से मैग़्मा निकलता है जों उस रिक्त स्थान में ठोस एवं नई परत बनाने में सहायक होता है।
• रूपांतरण सीमा :- जब दो परते ना ही अलग होती है और ना ही मिलती है बल्कि एक दूसरे के अगल-बगल खिसकती है तों ऐसे सीमा का निर्माण होता है। इसमें जों रिक्त स्थान बनता है वहाँ नई ठोस परत का निर्माण नहीं होता है।
भूकंप कितने प्रकार के होते है?
वैसे साधारण तौर से देखा जाये तों भूकंप दो प्रकार का होता है। पहला प्राकृतिक तथा दूसरा मानव निर्मित। प्राकृतिक भूकंप में भी अनेक प्रकार होते है जों इस प्रकार है –
प्राकृतिक भूकंप के प्रकार
1. विवर्तनिक भूकंप :- जैसा की नाम से ही स्पष्ट हो रहा है की ऐसी भूकंप टेक्नोटॉनिक परतों में होती है। इस प्रकार के भूकंप में परतों के बीच की सीमा में हलचल होता है जिससे भूकंप के कम्पन्न का अनुभव होता है। हमलोग जिस प्रकार के भूकम्पो का अनुभव ज्यादातर करते है वे विवर्तनिक भूकंप ही होते है।
2. ज्वालामुखी भूकंप :- इस भूकंप का कारण परतों के निचे मैग़्मा में हलचल होता है। मैग़्मा के हलचल के कारण चट्टानों में दाब बढ़ता है एवं उनमे तीव्र विस्फोट होता है जिससे इस प्रकार के भूकंप उतपन्न होते है। ज्वालामुखी का फटना इसका उदाहरण है।
मानव निर्मित भूकंप के प्रकार
1. विस्फोट भूकंप :- इस प्रकार के भूकंप का अनुभव हमें तब होता है जब कही पर बम विस्फोट अथवा न्यूक्लियर टेस्टिंग की जाती है। जब बम का धमाका होता है तों धरती पर तीव्र कंपन्न का अनुभव होता है जों विस्फोट भूकंप होता है।
2. पतन भूकंप :- इस प्रकार का भूकंप मिट्टी के अधिक खनन से होता है। जिसमें मिट्टी के अत्यधिक कटाव से आस पास में मृदा क्षरण होता है और ऐसे भूकंप का अनुभव किया जाता है।
अवकेंद्र और अधिकेंद्र क्या होता है?
भूकंप के समय ऊर्जा निकालने वाले केंद्र को अवकेंद्र कहते है। इसी स्थान से भूकंपीय तरंगे अलग अलग स्थान और दिशाओ में फैलती है।
अवकेंद्र के सबसे निकटतम बिंदु को अधिकेंद्र कहते है। सर्वप्रथम भूकंपीय तरंगे का अनुभव याँ कहे तों भूकंप का अनुभव इसी जगह पर किया जाता है।
भूकंप से कैसे बचे?
क्योकि भूकंप एक भयानक प्राकृतिक आपदा है इसीलिए ये कभी भी आ सकती है। ऐसे में इससे बचाव का तरीका जान लेना सभी के लिए उचित होता है, जों कुछ इसप्रकार है –
• भूकंप के समय यदि आप अपने घर में है तों घर के सबसे मजबूत फर्नीचर के निचे छिप जाये ताकि यदि कोई वस्तु ऊपर से गिरे तों उससे आप बचे रहे।
• यदि आप बाहर है जों सड़क पर खड़े हो जाईये ताकि परतो के विस्थापन से आपको काम नुकसान पहुचे।
• खुले स्थानों में रहे। इससे ऊपर से पेड़ अथवा बिल्डिंग के गिरने से आपको नुकसान नहीं होगा।
• यदि आप घर के मलबे में दब गए है तों आपके पास जों भी कपड़ा हो उससे अपना मुँह धक ले और आस पास किसी सामग्री की बजाते रहे। अगर सामग्री नहीं है तों चिल्लाते रहे इससे बचाव दल आप तक जल्दी पहुंच जायेगा। इस क्रम में हमेशा धैर्य रखे।
हाल के दिनों में ही आये नेपाल में भयानक भूकंप की कहानी –
आज से लगभग कुछ वर्षो पहले ही सन् 2015 के अप्रैल माह में नेपाल में एक भयानक भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता इतनी थी की इसका अनुभव भारत, चीन समेत भूटान और बांग्लादेश में भी किया गया था। इस भयानक भूकंप का केंद्र लामजुंग नेपाल से लगभग 34 KM दक्षिण-पूर्व में धरती के अंदर लगभग 9 KM की गहराई में था।
रिपोर्ट्स की माने तों इस भूकंप से नेपाल में लगभग 8 हजार से अधिक लोगो की मौत हो गयी थी वहीं घायलों की संख्या 2 हजार से अधिक बताई गयी थी। भारत और अन्य देशो में इससे होने वाले मौतो की संख्या 250 के करीब थी। वहीं विकिपीडिया की माने तों इस भूकंप से लगभग 3-3.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
निष्कर्ष :-
इस लेख में हमने आपको सम्पूर्ण रूप से भूकंप क्या है? भूकंप कैसे आता है? साथ ही आपको भूकंप से बचने के उपाय भी बताये है। आशा करते है आपको अपने सवाल का जवाब मिल गया होगा।
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