Direction Name In Hindi | दिशाओं के नाम हिन्दी और अंग्रेजी में

Direction name in hindi- अक्सर आपने सुना होगा की सूर्य पूरब से उगता है और ये बात सत्य भी है और साथ ही आप ये भी जानते होंगे की दिशाये चार होती है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है की इन चार दिशाओ (4 दिशाओं के नाम हिंदी में) & (4 direction in hindi) के अलावे भी क्या कोई दिशा होती है? क्योकि की कई बार आप धार्मिक कथाओं या फिर साधु संतो से सुनते होंगे की दिशाये दस होती है। और तब आप अचंभित हो जाते होंगे की आखिर ये चार दिशाये दस दिशायों में कैसे परिवर्तित हो गयी है?

Direction Name In Hindi
Direction name in English

अतः आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको धार्मिक ग्रंथो से अथवा कही भी बोले गए उन दसो दिशाओ के नाम बताने वाले है, इस आर्टिकल में हम जानेंगे की Dishaon ke naam (Directions Name in Hindi -Direction Name in english). इसीलिए अगर आप इन्ही विषयों के जवाब ढूंढ़ रहे है तो आप एकदम सही जगह पर आये है इसी लेख में आपको दसों दिशाओ के नाम बताये जायेंगे आईये जानते है –

Direction Name in Hindi & Direction Name in English

दिशाओं के नाम हिन्दी और अंग्रेजी में- सबसे पहले हम हम बेसिक रूप से चार दिशाओ (Dishaon ke naam) के नाम जानते है जिसे आमतौर पर साधारण रूप से ही जाना जाता है इन दिशाओ के नाम हिंदी और इंग्लिश (Directions Name in Hindi & Directions Name in English) में इस प्रकार है –

1. East (ईस्ट)
2. West (वेस्ट)
3. North (नॉर्थ)
4. South (साउथ)

आईये इन्हे थोड़ा और विस्तार से जाने की आप कैसे सिर्फ अपने हाथो के सहारे इन चार दिशाओ के पता लगा सकते है? इससे आप कहीं भी, यहाँ तक की घने जंगलो में भी आप इन चार दिशाओ का पता लगा सकते है –

1. East (पूर्व/पूरब) :-

East डायरेक्शन को हिंदी में पूर्व या पूरब दो नामो से जाना जाता है और यही वो दिशा है जिसके सहारे से आप अन्य तीन दिशाओ का पता लगा सकते है। सर्वप्रथम आपको तो ये बात पता ही होगा की सूर्य पूरब से निकलता है इसीलिए अगर आप कहीं भी है, तो सूर्योदय के समय अपने दोंनो हाथो को को फैला कर सूर्य की ओर अपना मुँह रखे – अब आपका मुँह पूर्व दिशा को बता रहा है –

2. West (पश्चिम) :-

अब अगर आप किसी भी प्रकार सूर्योदय को ना देख पाए तो सूर्यास्त की प्रतीक्षा करे और जिस दिशा में सूर्य अस्त हो रहा होगा वो दिशा पश्चिम दिशा को बताएगा। और यदि आप सूर्योदय के समय अपना मुँह सूर्य की ओर रखे है तो आपका पीठ पश्चिम दिशा को बताएगा।

3. North (उत्तर) :-

अगर आप सूर्योदय के समय अपने हाथो को फैलाकर खड़े है तो आपका बांया हाथ (Left Hand) उत्तर दिशा को बताएगा वहीं अगर आप सूर्यास्त के समय हाथ फ़ैलाकर  खड़े है तो आपका दाहिना हाथ (Right Hand) उत्तर दिशा को इंगित करेगा।

4. South (दक्षिण) :-

यदि आप उपरलिखित तीन दिशाओ का पता लगाने में सफल हो जाते है तो अंतिम दिशा जों बचा होगा वो दक्षिण दिशा होगी। इसके अलावा सूर्योदय के समय आपका दाहिना हाथ (Right Hand) और सूर्यास्त के समय आपका बाया हाथ (Left Hand) दक्षिण दिशा को बातयेगा।

Dishaon ke Naam

अब चलिए आपको इन चार दिशाओ को छोड़कर अन्य छः दिशाओ से रूबरू करवाते है जिनका उपयोग साधारण तौर पर तो नहीं होता है लेकिन कभी कभार आपको सुनने में जरूर मिलता होगा आईये उन्हें जानते है –

1. उर्ध्व :-

दरअसल हिन्दू धर्म के ग्रंथो में मिलता है की ऊध्व दिशा भगवान ब्रह्मः की दिशा है अर्थात इस दिशा के देवता ब्रह्मा है और इस दिशा का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है इस दिशा में प्रार्थना करने से प्रार्थना सफल होता है।

2. ईशान :-

ईशान दिशा पूर्व दिशा और उत्तर दिशा के मध्य दिशा को कहा जाता है साधारण शब्दों में ई दिशा को पुर्वोत्तर दिशा भी कहते है क्योंकि ये दिशा दो दिशाओ के मध्य आती है इसी इस दिशा की ईशान कोण भी कहा जाता है। इस दिशा के के स्वामी गृह वृस्पति और केतु है।

3. आग्नेय :-

पूर्व दिशा और दक्षिण दिशा के मध्य के दिशा को आग्नेय दिशा कहा जाता है ऐसा माना जाता है की इस दिशा में रसोई बनाना शुभ होता है। इस दिशा के के अधिपति अग्नि देव है वहीं इस दिशा के स्वामी शुक्र ग्रह है।

4. नैऋत्य :-

दक्षिण(South) और पश्चिम (East) दिशा के मध्य के स्थान को नैऋत्य कहा गया है। इस दिशा के अधिपति नैऋत है वही इस दिशा के स्वामी राहु और केतु हैं।

5. वायव्य :-

उत्तर (North) और पश्चिम (West) दिशा के मध्य में वायव्य दिशा का स्थान है। इस दिशा के देव वायुदेव हैं  इसीलिए ऐसा कहा जाता है की इस दिशा में खिड़की या दरवाजे रखने चाहिए ताकि वायुदेव घर में प्रवेश कर सके।

6. अधो :-

अधो दिशा को निचे यानि की धरती को कहा जाता है और इस दिशा के देव शेषनाग है इसीलिए इस दिशा को अनंत दिशा भी कहते है।

इसप्रकार ये छः दिशा और ऊपर के चार दिशा मिलकर दस दिशाओ का निर्माण करते है। हिन्दू धर्म में वास्तु के लिए निचे के 6 दिशाओ को महत्ता दी जाती है और घर बनाने के लिए उचित स्थान का चुनाव किया जाता है।

FAQ About ‘Dishaon Ke Naam’

Q- दिशाओं के नाम क्या है?

Ans- मुख्यत: चार दिशाएँ होती हैं- पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण।

Q- 10 दिशाओं के नाम क्या क्या है?

Ans- उर्ध्व, ईशान, पूर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर और अधो। 

Q- चारों दिशाओं के इंग्लिश में नाम क्या है?

Ans-
1-East- पूर्व/पूरब
2-West-पश्चिम
3-North-उत्तर
4-South-दक्षिण

Q- 4 Direction in hindi ?

Ans-
1-East- पूर्व/पूरब
2-West-पश्चिम
3-North-उत्तर
4-South-दक्षिण

निष्कर्ष :-

हमारे द्वारा आपको सामान्य तौर ओर उपयोग होने वाले दिशाओं के नाम (Direction Name in Hindi & Direction Name in English) बताये गए है इसके अलावे पुरे दसों दिशाओ के नाम भी बताये गए है। उम्मीद करते है आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी ऐसे ही और जानकारी पाने के लिए हमारे साथ बने रहिये।

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