नमस्ते दोस्तों !!! क्या आप जानते है (Bhasha kise kahte hai) भाषा किसे कहते हैं? आज के अपने इस पोस्ट में Bhasha Kise kahte hai / भाषा किसे कहते हैं? के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे , बहुत से छोटे बच्चे को , विशेष करके क्लास 2 के बच्चो को भाषा के बारे में पढ़ाया जाता है ,अगर आपको भी भाषा के विषय में जनंना है तो मेरा ये पोस्ट को पूरा पढ़े , जिससे आपको भाषा के विषय में पूरी जानकरी मिले ।

इससे पिछले पोस्ट जो वर्णमाला के विषय में था , उसको भी जरूर पढ़े , हिंदी वर्णमाला के बारे में उस पोस्ट में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है । कृपया दोनों पोस्ट को पूरा पढ़े , जिससे पूरी जानकारी प्राप्त हो सके ।
Table of Contents
हिंदी व्याकरण क्या होता है ?
किसी भी भाषा को शुद्ध-शुद्ध बोलना, समझना तथा लिखना ही व्याकरण कहलाता है। सभी भाषाओ के लिए अलग-अलग व्याकरण होता है। जिसको समझने के बाद ही हम उस भाषा को शुद्ध-शुद्ध बोल सकते है या लिख सकते है। दुसरे शब्दों में कहे तो -हिन्दी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने सम्बंधी नियमों का ज्ञान कराने वाला शास्त्र को ही हिन्दी व्याकरण कहते है।
भाषा किसे कहते हैं ? – Bhasha Kise Kahte Hai in Hindi
अपने विचारो को दूसरे के सामने प्रकट करने के भाव ही भाषा कहलाता है , भाषा वो माध्यम है जिसके सहायता से मनुष्य अपने विचारो को दूसरे के सामने प्रस्तुत करता है या दूसरे के भाव को समझ सकता है , उसे ही भाषा कहते है । यह लिखित , मौखिक ,संकेतित होता है ।
भाषा कितने प्रकार के होते हैं?
भाषा तीन प्रकार के होते है , जो की नीचे दिए गए टेबल में वर्णित है ।
1 | मौखिक भाषा |
2 | लिखित भाषा |
3 | सांकेतिक भाषा |
1-मौखिक भाषा
भाषा का वह माध्यम जिसमे कोई भी व्यक्ति अपने भावो को बोल कर प्रकट करता है , उसे ही मौखिक भाषा कहते है । इसमें भाव प्रकट करने वाला व्यक्ति बोलता है , भाव को समझने वाला व्यक्ति सुनता है ।उदाहरण के तौर पर दो लोगो का आपस में बात करना , जिसमे एक व्यक्ति बोलता है , जबकि दूसरा व्यक्ति सुनता है , यह एक मौखिक भाषा का उदाहरण है ।
2-लिखित भाषा
भाषा का वह माध्यम ,जिसमे कोई भी व्यक्ति अपने भाव को लिख कर प्रकट करता है , उसको ही लिखित भाषा कहते है , उदाहरण के तौर पर ,पत्र का लिखना होता है , इसमें पत्र लिखने वाला व्यक्ति अपने भाव को पत्र में लिख देता है , जो की एक लिखित भाषा हुआ ।
3-सांकेतिक भाषा
भाषा के वह माध्यम जिसमे हम अपने विचारो को इशारो (संकेतो) में दुसरे वक्ता को समझा सकते हैं। उसे ही सांकेतिक भाषा कहा जाता है। इस भाषा का अधिकांश प्रयोग वे लोग ही करते है जो बोल या सुन नहीं सकते है । वैसे लोग अक्सर अपने बात को दुसरो तक पहुंचाने के लिए सांकेतिक भाषा का इस्तेमाल किया करते है , जिसमे वे संकेतो के माधयम से अपने भाव को दुसरो के समक्ष रखते है , या समझाने का प्रयास करते है , इस तरह के भाव को ही सांकेतिक भाषा कहा जाता है ।
भाषा के कितने अंग होते हैं?
भाषा की संरचना को देखा जाये तो आप समझेंगे भाषा के कितने अंग होते है । देखा जाये तो भाषा के चार अंग होते है ।
- वाक्य
- ध्वनि
- अर्थ
- रूप
Q- भाषा किसे कहते हैं इसका उत्तर क्या है?
Ans- अपने विचारो को दूसरे के सामने प्रकट करने के भाव ही भाषा कहलाता है , भाषा वो माध्यम है जिसके सहायता से मनुष्य अपने विचारो को दूसरे के सामने प्रस्तुत करता है या दूसरे के भाव को समझ सकता है ,उसे ही भाषा कहते है । यह लिखित , मौखिक ,संकेतित होता है ।
Q- भाषा किसे कहते हैं भाषा के कितने प्रकार हैं?
Ans- अपने विचारो को दूसरे के सामने प्रकट करने के भाव ही भाषा कहलाता है , भाषा वो माध्यम है जिसके सहायता से मनुष्य अपने विचारो को दूसरे के सामने प्रस्तुत करता है या दूसरे के भाव को समझ सकता है ,उसे ही भाषा कहते है । यह लिखित , मौखिक ,संकेतित होता है ।
Q- भाषा के कितने अंग होते हैं?
Ans-
वाक्य
ध्वनि
अर्थ
रूप
Final Words :
आज के अपने इस पोस्ट में भाषा किसे कहते है (Bhasha kise kahte hai) , language in hindi, भाषा कितने प्रकार के होते है , ये सभी बातो पर सम्पूर्ण जानकरी दिया , पोस्ट को पूरा पढ़े , जिससे आपको पूरी जानकरी मिल सके , पोस्ट को अधिक अधिक मात्रा में शेयर जरूर करे , जिसे किसी जरूरत मद की जनकारी बढ़ाने में ये पोस्ट मदद कर सके ।
इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद !!!
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