Anushasan par nibandh- निबंध लेखन एक ऐसी विद्या है जों की छात्रों को छोटे क्लास से लेकर उच्च क्लास तक पढ़ाया या सिखाया जाता है। मुख्य रूप से निबंध लेखन 8वीं क्लास से शुरू होती जों की आगे चलकर बड़े बड़े कॉम्पीटिशन के एक्साम्स में भी पूछी जाती है। इसीलिए निबंध लेखन हर एक छात्र को आना चाहिए ये सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों में से एक होता है।
वैसे तो निबंध लेखन कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन जों भी छात्र अपने शुरुआती दिनों में इसे नहीं लिखते है उनके लिए निबंध के लिए शब्दों का चयन बड़ा ही कठिन हो जाता है। जिस कारण से वे निबंध लिखने में पीछे रह जाते है।

लेकिन अगर आप अपने शुरुआती दिनों में ही निबंध लेखन का अभ्यास करे तो आप बड़ी ही आसानी से किसी भी टॉपिक पर निबंध लिख सकते है। एयर ऐसे छात्र शब्दों का चयन भी अच्छी तरीके से करते है। अगर आपको निबंध लिखने में कोई भी कठिनाई हो तो आप बेफिक्र रहिये हमारा ये लेख उन सभी छात्रों को निबंध लिखने का तरीका सिखाएगा।
दरसल आज का लेख अनुशासन पर निबंध (Anushasan par nibandh) इस टॉपिक पर है। इस लेख में हम आपको अनुशासन पर 250 शब्दों में निबंध, अनुशासन पर 300 शब्दों में निबंध और अनुशासन पर 500 शब्दों में निबंध लेखन को दिखाएंगे। पूरी जानकारी के लिए इस लेख के साथ अंत तक जुड़े रहिये –
Table of Contents
Anushasan Par Nibandh – अनुशासन पर 250 शब्दों में निबंध
अनुशासन और आज्ञाकारी एक ही शब्द के दो पहलू होते है। कहने का मतलब है की जहाँ बड़े बात करते है उनकी बातो को आज्ञा स्वरूप स्वीकार करना और उनपर सवाल ना उठाना ही अनुशासन कहलाता है। अनुशासन जीवन के हर एक कठिनाई को दूर करने का एकमात्र साधन। अगर कोई व्यक्ति अनुशासन हीनता दर्शाता है तो एक बात तय हो जाती है, की वो व्यक्ति कभी न कभी अनुशासनहीनता के लिए पछतावा करेगा। और पछतावा भी तब होगा ज़ब बिगड़ा हुआ काम वापस ठीक ना हो सके।
इसीलिए मनुष्य को कभी अनुशासन हीनता नहीं दर्शानी चाहिए। अनुशासन केवल आज्ञा का ही रूप नहीं बल्कि नियमितता का भी रूप है। कहने का आशय है की आप अगर किसी काम को नियमित तौर ओर कर रहे और वो काम आपको उसके बदले सुख दे रहा उदाहरण स्वरूप आप घर बनाने वाले मिस्त्री है और उस काम के बदले आपको पैसे मिलते है, जिससे आप अपने परिवार का भरण पोषण करते है। तो आपको इस काम के लिए भी अनुशासन दिखाना आवश्यक है।
इसमें अनुशासन का मतलब है की आप उस काम को नियमित तौर पर मन लगाकर करे, उसका कभी भी निरादर ना करे। क्योकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आप उसी काम पर निर्भर है।
इस प्रकार आप अपने अनुसार हर काम में अनुशासन दिखाना ही महानता है। यही आपको सफल बनने का रास्ता दिखा देगी। अगर आप विद्यार्थी है तो पढ़ाई में अनुशासन दिखाए यदि आप शिक्षक है तो अपनी शिक्षा में अनुशासन दिखाए यही आपका मूल कर्तव्य होना चाहिए।
अनुशासन पर 300 शब्दों में निबंध –
अनुशासन को सफलता की कुंजी कहा जाता है, और ये बात कतई सत्य भी है। क्योकि अनुशासन ही आपको सफलता के मार्ग पर अग्रसर करती है। और अनुशासन ही आपको अपने सपने पुरे करने का मौका देती है। मुख्य रूप से जब अनुशासन की बात आती है तो हमारे दिमाग़ में सबसे पहला चरित्र छात्रों का बनता है। और ये उचित भी है क्योकि छात्रों में अनुशासन की कमी नहीं नहीं चाहिए। छात्रों को अपने जीवन में सफल होने के लिए हर एक जगह अनुशासन की दरकार होती है।
अब यह जरुरी नहीं है की छात्र केवल स्कूल या ट्यूशन में ही अनुशासन पूर्वक काम करे। उन्हें घर में भी उतने ही अनुशासन के साथ रहना चाहिए। एक छात्र या फिर बच्चे को अपने घर के बड़ो का हमेशा ही आदर सम्मान करना चाहिए उनकी बातो को ध्यान पूर्वक सुनना और उनकी बातो को मानना भी अनुशासन का ही एक स्वरूप है।
जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता होती है। अनुशाशित व्यक्ति निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर होता है। यह प्रगति चाहे व्यक्तिगत हो अथवा मानसिक, दोनों के लिए अनुशासन जरुरी है। वर्तमान में विद्यार्थी अनुशासन हीनता का पर्याय हो गया है। विद्यालय से लेकर घर तक ऐसी कोई जगह नहीं बची है जहाँ विद्यार्थी की उदंडता देखने को ना मिलती हो।
प्राचीन काल से चली आ रही गुरुकुल प्रणाली के समाप्त होने से और आधुनिक शिक्षा प्रणाली शुरू होने से कही ना कही ऐसा हुआ है। हालांकि इसके लिए हमारा सामजिक वातावरण भी कम दोषी नहीं है। आज हर एक विद्यार्थी स्वतंत्र रहना चाहता है जिसके लिए ऐसा हुआ है। विद्यालय या कॉलेज उन्हें जेल नजर आते है। लेकिन आज भी बहुत ऐसे विद्यार्थी है जों अनुशासन का अनुसरण करते है और उन विद्यार्थियों को सफलता आवश्य मिलती है।
अनुशासन पर 500 शब्दों में निबंध – (उच्च वर्गों के लिए)
अनुशासन को दर्शाना ही ज्ञानी होने का प्रतीक होता है। यदि हमारा जीवन प्रारम्भ से ही अनुशाशित होगा तो हम तमाम समस्याओ का समाधान एक स्वस्थ और निरपेक्ष तथ्यों पर हम भविष्य में कर सकते हैं। अन्यथा समस्याएँ ज्यों की त्यों बनी रहेंगी चाहे कितनी सरकारें क्यों न बदल जाएँ, चाहे कितनी पीढ़ियों क्यों न गुजर जाएँ। यदि देश की विभिन्न समस्याओं की गहराई में जाकर देखें तो उसमें से कुछ ऐसी बातें मिलती हैं जो देश की विभिन्न समस्याओं को जन्म देती हैं।
जिनमें आर्थिक और राजनीतिक महत्त्व के साथ ही साथ देश की राष्ट्र भाषा, धर्म, संस्कृति और खानपान के आधार पर ही लोगों में अनुशासन तोड्ने अथवा समस्याएँ खड़ी करने के लिए प्रेरित होने के प्रसंग मिलते हैं। देश में व्याप्त इन समस्याओं के निराकरण के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को अनुशासन प्रिय होना चाहिए। अनुशासन प्रिय होने के लिए हमें स्वप्रेरणा के आधार पर कार्य करना होगा। वैलेंटाइन के अनुसार- अनुशासन बालक की चेतना का परिष्करण है। बालक की उत्तम प्रवृत्तियों और इच्छाओं को सुसंस्कृत करके हम अनुशासन के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं ।
अनुशासन से अभिप्राय नियम, सिद्धान्त तथा आदेशों का पालन करना है। जीवन को आदर्श तरीके से जीने के लिए अनुशासन में रहना आवश्यक है। अनुशासन का अर्थ है खुद को वश में रखना अनुशासन के बिना व्यक्ति पशु समान है। विद्यार्थी का जीवन अनुशासित व्यक्ति का जीवन कहलाता है। इसे विद्यालयों के नियमों पर चलना होता है। शिक्षक का आदेश मानना पड़ता है। ऐसा करने पर वह बाद में योग्य, चरित्रवान व आदर्श नागरिक कहलाता है।
विद्यार्थी जीवन में ही बच्चे में शारीरिक व मानसिक आदि गुणों का विकास होता है। उसे अपना भविष्य सुखमय बनाने के लिए अनुशासन में रहना जरूरी है। यदि हम किसी काम को व्यवस्था के साथ-साथ अनुशासित होकर करते हैं तो हमें उस कार्य को करने में कोई परेशानी नहीं होती । इसके अलावा हमें कार्य करते समय भय, शंका अथवा गलती होने का कोई डर नहीं होता ।
यदि हम अनुशासनहीनता, बिना नियम तथा उचित विचार किए किसी कार्य को करते हैं तो हमें उस कार्य में गलती होने का डर लगा रहता है। इससे जहाँ व्यवस्था भंग होती वहीं कार्य भी बिगड़ जाता है परेशानी बढ़ने के साथ-साथ उन्नति का मार्ग भी बंद हो जाता है इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए अनुशासन में रहना आवश्यक है।
निष्कर्ष (Conclusion) :-
अनुशासन का महत्व बताते हुए हमने आपके लिए गे लेख तैयार किया जों आपको अनुशासन पर निबंध (Anushasan par nibandh) & (anushasan par nibandh hindi mein) इस सवाल का सम्पूर्ण रूप से जवाब देता है। इसके साथ ही हमने इसी लेख में आपको अनुशासन पर 250 शब्दों में निबंध, अनुशासन पर 300 शब्दों में निबंध और अनुशासन पर 500 शब्दों में निबंध इन सवालों के भी जवाब दिए है। हम आशा करते है आपको हमारे इस लेख से सहायता होगी।
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